राकेश शर्मा, बोकारो:
भाषा के नाम पर चल रहे विवाद के बीच सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने एक बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हर हाल में स्थानीय नीति बनेगी। वहीं इसका आधार 1932 का खतियान ही होगा। जब तक इसे लागू नहीं करेंगे तब तक चैन की नींद नहीं लेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाषा के सवाल पर युवाओं में रोष है। उनकी बातों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक हमने पहुंचा दिया है। जल्द ही भाषा के विवाद को सुलझा लिया जाएगा। हम लोगों ने राज्य से भोजपुरी को हटाया है। जल्द ही बोकारो और धनबाद से भी बाहरी भाषा हटा दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतोएक कार्यक्रम में बोकारो के चंद्रपुरा पहुंचे थे। जहां उन्होंने बिजली सबस्टेशन का उद्घाटन किया। बोकारो में पारा शिक्षकों के साथ स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। वहीं कुछ लोगों ने भाषा को लेकर विरोध जताया। नारेबाजी भी की। जिसका जवाब देते हुए वह बोले, कुछ युवा हमारा विरोध कर रहे हैं। हमें वापस जाने के लिए कह रहे हैं। लेकिन यह हमारा घर है हम कहां जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो भी वादा किया गया है उसे पूरा किया जाएगा। इसीलिए लोगों को सब्र करने की जरूरत है। बिजली की कटौती पर डीवीसी को आड़े हाथों लेकर कहा कि डीवीसी सचेत हो जाए, वरना झारखंड की जनता सड़क पर उतरना जानती है।